Description: त्रिदेवी - माता महासरस्वती, महालक्ष्मी, महादुर्गा का संहिता रूप त्रिदेवी आद्यशक्ति पंचदेवताओं में एक मानी गई हैं। ज्ञान, क्रिया और शक्ति के सागर रूप इन देवियों का प्रत्येक घर और मन में मन्दिर होता है। माँ की सरलता, वात्सल्य, ममता और कृपा भक्तों को अत्यन्त सरलता से प्राप्त हो जाती है। देवियों को श्वेत, लाल व पीताम्बर वस्त्रों और रंगों से लगाव है। पुष्प भी श्वेत, पीले, लाल ही इन्हें भाते हैं और इन्हीं पुष्पों की सुगन्ध भी इन्हें प्रिय हैं। माता सरस्वती वीणा और वेद धारणी हैं। नारायणी कमल पुष्प और धन का घड़ा धारण किये हैं तो शक्ति की अधिश्ठात्री महादुर्गा और महाकाली विभिन्न आयुधों से सुसज्जित हैं। त्रिदेवियों का पूजन, अनुष्ठान, यज्ञ अराधना समस्त शुभ संकल्पों को पूर्ण करने वाला होता है। देवियों की प्रिय सामग्री से निर्मित धूप से देवियों की अराधना शुभफलदायी होती है।
Description: त्रिदेवी - माता महासरस्वती, महालक्ष्मी, महादुर्गा का संहिता रूप त्रिदेवी आद्यशक्ति पंचदेवताओं में एक मानी गई हैं। ज्ञान, क्रिया और शक्ति के सागर रूप इन देवियों का प्रत्येक घर और मन में मन्दिर होता है। माँ की सरलता, वात्सल्य, ममता और कृपा भक्तों को अत्यन्त सरलता से प्राप्त हो जाती है। देवियों को श्वेत, लाल व पीताम्बर वस्त्रों और रंगों से लगाव है। पुष्प भी श्वेत, पीले, लाल ही इन्हें भाते हैं और इन्हीं पुष्पों की सुगन्ध भी इन्हें प्रिय हैं। माता सरस्वती वीणा और वेद धारणी हैं। नारायणी कमल पुष्प और धन का घड़ा धारण किये हैं तो शक्ति की अधिश्ठात्री महादुर्गा और महाकाली विभिन्न आयुधों से सुसज्जित हैं। त्रिदेवियों का पूजन, अनुष्ठान, यज्ञ अराधना समस्त शुभ संकल्पों को पूर्ण करने वाला होता है। देवियों की प्रिय सामग्री से निर्मित धूप से देवियों की अराधना शुभफलदायी होती है।
Description: श्री विष्णु - श्री हरि, भक्तवत्सल नारायण, सम्पूर्ण विश्व ब्रह्माण्ड के नायक और नियन्ता भगवान विष्णु अपने भक्तों पर विशेष कृपा पात्र होते हैं। पीत वस्त्र धारण करने के कारण ये पीताम्बर भी कहलाते हैं। चतुर्भुज के बांएँ निचले हाथ में कमल, बाएं ऊपर के हाथ में पान्चजन्य शंख, दायें नीचे हाथ में गदा और दायें ऊपर वाले हाथ में सदा सुदर्शन चक्र धारण करते हैं। विष्णु जी का प्रिय रंग पीला और प्रिय पुष्प कमल, बेला, चमेली, चंपा, मालती आदि हैं। तुलसी के बिना भगवान विष्णु की कोई भी पूजा, यज्ञ, अनुष्ठान पूर्ण नहीं होता। तुलसी, केला, शमी, पीपल और आँवला ये सभी नारायण के प्रिय वृक्ष हैं। माता महालक्ष्मी सहित इनका पूजन आराधन शीघ्र पूर्ण फलदायक है। इनकी प्रिय वस्तुओं से निर्मित विष्णु धूप से भक्त इन्हें मोहित कर सकते हैं।
Description: श्री विष्णु - श्री हरि, भक्तवत्सल नारायण, सम्पूर्ण विश्व ब्रह्माण्ड के नायक और नियन्ता भगवान विष्णु अपने भक्तों पर विशेष कृपा पात्र होते हैं। पीत वस्त्र धारण करने के कारण ये पीताम्बर भी कहलाते हैं। चतुर्भुज के बांएँ निचले हाथ में कमल, बाएं ऊपर के हाथ में पान्चजन्य शंख, दायें नीचे हाथ में गदा और दायें ऊपर वाले हाथ में सदा सुदर्शन चक्र धारण करते हैं। विष्णु जी का प्रिय रंग पीला और प्रिय पुष्प कमल, बेला, चमेली, चंपा, मालती आदि हैं। तुलसी के बिना भगवान विष्णु की कोई भी पूजा, यज्ञ, अनुष्ठान पूर्ण नहीं होता। तुलसी, केला, शमी, पीपल और आँवला ये सभी नारायण के प्रिय वृक्ष हैं। माता महालक्ष्मी सहित इनका पूजन आराधन शीघ्र पूर्ण फलदायक है। इनकी प्रिय वस्तुओं से निर्मित विष्णु धूप से भक्त इन्हें मोहित कर सकते हैं।
Description: श्री हनुमान - भगवान की भक्ति की पराकाष्ठा की मान्यता के साथ महावीर बजरंगबली भगवान शिव जी के ग्यारहवें रूद्र के रूप में प्रसिद्ध हैं। अमरत्व का वरदान प्राप्त कलियुग के प्रधान देवता हनुमान जी प्रत्येक भक्त के लिये सखा रूप प्रथम हैं और भगवान या देवता रूप बाद में। जिसकी जो मनोकामना हो, बस हनुमान जी से निवेदित कर दो, मानता मान लो, बस एक मुट्ठी चिरौंजी दाना या कुछ बेसन के लड्डुओं का भोग या एक नारियल समर्पित करो और जो चाहिये प्राप्त कर लो। यही तो उनकी लोकप्रियता का कारण है। तन पर एक वस्त्र और यज्ञोपवीत धारण किये, गदाधारण किये, भगवान श्री सीताराम के अनन्य भक्त और उन्हें हृदय में बसाये मंगल मूर्ति सबके चहेते हैं। पीला, लाल, सिन्दूरी रंग और इन्हीं रंगों के पुष्प व सभी सुगन्धों के पुष्प इन्हें भाते हैं। हनुमान जी की प्रिय वस्तुओं से निर्मित धूप से उनकी आराधना विशेष शीघ्र फलदायी होगी।
Description: श्री हनुमान - भगवान की भक्ति की पराकाष्ठा की मान्यता के साथ महावीर बजरंगबली भगवान शिव जी के ग्यारहवें रूद्र के रूप में प्रसिद्ध हैं। अमरत्व का वरदान प्राप्त कलियुग के प्रधान देवता हनुमान जी प्रत्येक भक्त के लिये सखा रूप प्रथम हैं और भगवान या देवता रूप बाद में। जिसकी जो मनोकामना हो, बस हनुमान जी से निवेदित कर दो, मानता मान लो, बस एक मुट्ठी चिरौंजी दाना या कुछ बेसन के लड्डुओं का भोग या एक नारियल समर्पित करो और जो चाहिये प्राप्त कर लो। यही तो उनकी लोकप्रियता का कारण है। तन पर एक वस्त्र और यज्ञोपवीत धारण किये, गदाधारण किये, भगवान श्री सीताराम के अनन्य भक्त और उन्हें हृदय में बसाये मंगल मूर्ति सबके चहेते हैं। पीला, लाल, सिन्दूरी रंग और इन्हीं रंगों के पुष्प व सभी सुगन्धों के पुष्प इन्हें भाते हैं। हनुमान जी की प्रिय वस्तुओं से निर्मित धूप से उनकी आराधना विशेष शीघ्र फलदायी होगी।
Description: श्री शिवशंकर - श्री शिवशंकर आदिदेव महादेव नीलकंठ रुद्र गंगाधर जैसे अनेक नामों से शोभित भोलेनाथ अर्थात् भोलेभाले भक्तों के सर्वस्त्र हैं। महायोगी भगवान शिवशंकर सदैव अपनी शक्ति के साथ पूजित अत्यन्त सरल सौम्य पृथ्वी रूप नन्दी वाहन की सवारी नीले कंठ में सर्प की कण्ठी हाथों में त्रिषूल डमरू और जटाओं में गंगा और चन्द्रमा धारण किये भक्तों को शीघ्र मृत्युंजय फल देने वाले हैं। अखिल विश्व ब्रह्माण्ड की सतोगुणी रजोगुणी व तमोगुणी प्रकशित के मध्य संतुलन शिव जी ही बनाये रखते हैं। इनके प्रिय रंग हरा सफेद पीला केसरिया और आकाशीय नीला है। प्रिय पुष्पों में कमल धतूरा आक आगस्त्य कनेर बेला पारिजात और गुड़हल है। विल्व पत्र से अर्चना और कर्पूर आरती शिव जी को बहुत भाती है। पीपल पलास बेल बरगद और शमी में भगवान शिव का वास माना जाता है। भूतभावन शिव जी के भक्त इनको प्रिय वस्तुओं से निर्मित धूप से प्रसन्न कर सकते हैं।
Description: श्री शिवशंकर - श्री शिवशंकर आदिदेव महादेव नीलकंठ रुद्र गंगाधर जैसे अनेक नामों से शोभित भोलेनाथ अर्थात् भोलेभाले भक्तों के सर्वस्त्र हैं। महायोगी भगवान शिवशंकर सदैव अपनी शक्ति के साथ पूजित अत्यन्त सरल सौम्य पृथ्वी रूप नन्दी वाहन की सवारी नीले कंठ में सर्प की कण्ठी हाथों में त्रिषूल डमरू और जटाओं में गंगा और चन्द्रमा धारण किये भक्तों को शीघ्र मृत्युंजय फल देने वाले हैं। अखिल विश्व ब्रह्माण्ड की सतोगुणी रजोगुणी व तमोगुणी प्रकशित के मध्य संतुलन शिव जी ही बनाये रखते हैं। इनके प्रिय रंग हरा सफेद पीला केसरिया और आकाशीय नीला है। प्रिय पुष्पों में कमल धतूरा आक आगस्त्य कनेर बेला पारिजात और गुड़हल है। विल्व पत्र से अर्चना और कर्पूर आरती शिव जी को बहुत भाती है। पीपल पलास बेल बरगद और शमी में भगवान शिव का वास माना जाता है। भूतभावन शिव जी के भक्त इनको प्रिय वस्तुओं से निर्मित धूप से प्रसन्न कर सकते हैं।
Description: श्री गणेश - श्री गणेश समस्त देवों में प्रथम पूज्य गणेश जी हैं। शुभ कार्यों में सर्वप्रथम श्रीगणेश जी की पूजा आराधना करने पर ही पूर्ण सफलता प्राप्त होती है। ये पिता भगवान श्री शिवशंकर, माता भगवती पार्वती, भाई श्री कार्तिकेय, भगिनी अशोकसुन्दरी, पत्नियाँ ऋद्धि.सिद्धि और पुत्र शुभ व लाभ के परिवार में मूशक वाहन पर शुशोभित रहते हैं। श्रीगणेश जी के प्रिय पुष्प लाल गुड़हल व श्वेत या नीला शंख पुष्प हैं। इन्हें लाल, सिंदूरी और पीला रंग भाता है। दूब और तुलसी प्रिय वस्तुयें हैं, मोदक व लड्डू प्रिय भोग हैं और जल तत्व के अधिपति हैं। स्वभाव से सरल, शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं और अपने भक्तों पर कृपा बनाये रखते हैं। श्रीगणेश जी के भक्त इनको प्रिय वस्तुओं से निर्मित धूप से प्रसन्न कर सकते हैं।
Description: श्री गणेश - श्री गणेश समस्त देवों में प्रथम पूज्य गणेश जी हैं। शुभ कार्यों में सर्वप्रथम श्रीगणेश जी की पूजा आराधना करने पर ही पूर्ण सफलता प्राप्त होती है। ये पिता भगवान श्री शिवशंकर, माता भगवती पार्वती, भाई श्री कार्तिकेय, भगिनी अशोकसुन्दरी, पत्नियाँ ऋद्धि.सिद्धि और पुत्र शुभ व लाभ के परिवार में मूशक वाहन पर शुशोभित रहते हैं। श्रीगणेश जी के प्रिय पुष्प लाल गुड़हल व श्वेत या नीला शंख पुष्प हैं। इन्हें लाल, सिंदूरी और पीला रंग भाता है। दूब और तुलसी प्रिय वस्तुयें हैं, मोदक व लड्डू प्रिय भोग हैं और जल तत्व के अधिपति हैं। स्वभाव से सरल, शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं और अपने भक्तों पर कृपा बनाये रखते हैं। श्रीगणेश जी के भक्त इनको प्रिय वस्तुओं से निर्मित धूप से प्रसन्न कर सकते हैं।
Description: Copper Hawan Kund with iron stand. Size 26 x 27 x 10 cm. Weight of kund 564 gm and Weight of stand 218 gm.
Description: Cotton hand bag with Rajasthan style hand embrydary. Colour : Multicolor thread work on magenta base cotton cloth. Size 40 x 39.5 cm.
Description: Cotton hand bag with Rajasthan style golden embrydary. Colour : Golden thread work on magenta base cotton cloth Size 29.5 x 29.5 cm.
Description: Cotton hand bag with Rajasthan style embrydary. Colour : Golden and maroon thread work on green base. Size 29.5 x 29.5 cm.
Benefits: Good for general revitalization. Helpful in situation of cold and cough, heaviness & burning in chest and indigestion. Helps preventing number of infections.
Description:
Instructions for preparation:
Boil about 2 grams (one tea spoon) of Maha Herbals Ayurveda Tea powder with 2 cups of water for about 3 minutes and filter.
Don't need to add milk.
May add Sugar or Honey for taste.